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खीरे की खेती

खीरे की खेती (kheere ki kheti) | खीरे की उन्नत खेती से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

खीरे की खेती (kheere ki kheti) | खीरे की उन्नत खेती से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी: कद्दू वर्ग की फसलों में खीरा एक विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसे भोजन के साथ सलाद के रूप में सबसे अधिक उपयोग किया जाता है। इसी कारण देश के लगभग सभी क्षेत्रों में खीरे की खेती (kheere ki kheti) की जाती है। 

गर्मियों के दौरान खीरे की बाजार में भारी मांग बनी रहती है, क्योंकि इसे मुख्य रूप से भोजन के साथ सलाद के रूप में कच्चा खाया जाता है। यह शरीर को गर्मी से राहत देता है और पानी की कमी को भी पूरा करता है। 

इसलिए, गर्मियों में इसका सेवन विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। बाजार की गर्मियों में बढ़ी हुई मांग को देखते हुए जायद सीजन में इसकी खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

खीरे की खेती में पाएं जाने वाले पोषक तत्व

खीरे का वानस्पतिक नाम कुकुमिस सटीवस है, और यह बेल के रूप में बढ़ने वाला पौधा है। इसके पौधे का आकार बड़ा होता है, पत्ते बेल के जैसे और त्रिकोणीय आकार के होते हैं, जबकि फूल पीले रंग के होते हैं। खीरे में 96% पानी की मात्रा होती है, जो गर्मियों के मौसम में विशेष रूप से फायदेमंद होती है। 

यह मोलिब्डेनम (Mo) और विटामिन का उत्कृष्ट स्रोत है। खीरा का उपयोग हृदय, त्वचा और गुर्दे की समस्याओं के इलाज के साथ-साथ अल्कालाइज़र के रूप में भी किया जाता है।

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खीरे की खेती की उन्नत किस्में

खीरे की कुछ उन्नत भारतीय किस्मों में पंजाब सलेक्शन, पूसा संयोग, पूसा बरखा, खीरा 90, कल्यानपुर हरा खीरा, कल्यानपुर मध्यम, स्वर्ण अगेती, स्वर्ण पूर्णिमा, पूसा उदय, पूना खीरा, और खीरा 75 शामिल हैं।

नवीनतम किस्मों में पीसीयूएच-1, पूसा उदय, स्वर्ण पूर्णा, और स्वर्ण शीतल विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।

संकर किस्मों में पंत संकर खीरा-1, प्रिया, हाइब्रिड-1, और हाइब्रिड-2 प्रमुख हैं।

विदेशी किस्मों में जापानी लौंग ग्रीन, चयन, स्ट्रेट-8, और पोइनसेट को विशेष रूप से महत्व दिया जाता है।

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खीरे की उन्नत खेती के लिए मृदा व जलवायु

आमतौर पर खीरे की खेती रेतीली दोमट और भारी मृदा में की जाती है, लेकिन इसके लिए अच्छी जल निकासी वाली बलुई और दोमट मृदा सबसे उपयुक्त मानी जाती है। खीरे की खेती के लिए मृदा का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए। 

चूंकि खीरा पाले को सहन नहीं कर सकता, इसलिए इसे उच्च तापमान में उगाना बेहतर होता है। जायद सीजन में इसकी खेती के लिए अनुकूल मौसम होता है, जिससे उत्पादन भी अच्छा होता है।

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लगातार पूछे जाने वाले प्रश्न

खीरा की खेती किस महीने में की जाती है?

खीरे की बुआई मैदानी क्षेत्रों में दो बार की जाती है. गर्मी के मौसम में इसकी बुआई फरवरी से मार्च तक की जाती है. वहीं, बरसात के लिए जून-जुलाई में की जाती है. खीरे की खेती के लिए 32 से 40 डिग्री सेल्सियस तक तापमान उपयुक्त माना जाता है

खीरे में कौन सी खाद डालें?

बढ़ते मौसम के दौरान खीरे के पौधों को संतुलित उर्वरक, जैसे कि पेनिंगटन अल्ट्राग्रीन ऑल पर्पस प्लांट फ़ूड 10-10-10, या विशेष रूप से बगीचे के फलों और सब्जियों के लिए तैयार उर्वरक, जैसे कि लिली मिलर मोरक्रॉप टोमैटो और वेजिटेबल फ़ूड 5-10-10 से दो बार खाद दें ।

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