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हरा चारा की खेती

गायों के लिए हरा चारा की उपयोगिता | Green Fodder for Cow

गायों के लिए हरा चारा : जिस प्रकार मनुष्य को स्वस्थ रहने और कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार पशुओं, विशेषकर गायों को भी स्वस्थ और अधिक दूध उत्पादन के लिए पौष्टिक हरा चारे की जरूरत होती है। 

किसानों द्वारा पशुओं के संतुलित आहार का ध्यान रखते हुए उन्हें सूखा और हरा चारा पर्याप्त मात्रा में दिया जाता है, ताकि वे आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त कर सकें। 

हरा चारे (Green Fodder) के सेवन से पशुओं का शारीरिक विकास बेहतर होता है और उनकी दूध उत्पादन क्षमता भी बढ़ती है। ये आवश्यक पोषक तत्व विशेष रूप से हरे चने से ही प्राप्त किए जा सकते हैं।

किसान अपने गौ पशुओं को दो प्रकार के चारे से आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं। हरे चारे में एकदलीय और द्विदलीय फसलें शामिल होती हैं। एकदलीय चारे में गिनीघास, ज्वार, मक्का, बाजरा, संकरित नेपियर, यशवंत, दीनानाथ, और जयवंत घास जैसी फसलें आती हैं।

द्विदलीय चारे में ल्यूसर्न घास, बरसीम, स्टाइलो, और लोबिया जैसी फसलें शामिल होती हैं, जो पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं और इनमें उच्च मात्रा में प्रोटीन भी पाया जाता है। एकदलीय चारे में केवल 4 से 7 प्रतिशत प्रोटीन होता है, जबकि द्विदलीय चारे से लगभग 15 से 20 प्रतिशत प्रोटीन प्राप्त होता है, जो एकदलीय चारे की तुलना में लगभग दोगुना होता है।

पशु आहार के लिए हरा चारे की उपयोगिता

  • हरे चारे में पानी की उच्च मात्रा होती है, जो सूखे चारे में नहीं पाई जाती, जिससे इसे खाने पर पशु अपने शरीर में पानी की कमी को पूरा कर सकते हैं। 
  • यह चारा स्वादिष्ट और मुलायम होता है, इसलिए पशु इसे आनंदपूर्वक खाते हैं और यह पचाने में भी आसान होता है। 
  • हरा चारे के सेवन से पशुओं को आसानी से घुलनशील शर्करा मिलती है, और द्विदलीय चारे से उन्हें आवश्यक खनिज और प्रोटीन भी प्राप्त होते हैं।
  • हरा चारे का सेवन पशुओं की भूख को पूरी तरह संतुष्ट करता है और उन्हें स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है। इसमें प्राकृतिक पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर में विटामिन ए की पूर्ति करते हैं और अंधेपन के जोखिम को कम करने में सहायक हैं। 
  • इसके अलावा, हरा चारा अर्जिनिन, ग्लूटामिक एसिड जैसे आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करता है। 
  • गर्भावस्था के दौरान हरा चना देने से स्वस्थ बछड़े का जन्म होता है, जबकि पोषक तत्वों की कमी होने पर बछड़ा कमजोर, अंधा या अन्य शारीरिक विकलांगता से ग्रस्त हो सकता है।
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पशुओं की स्वास्थ्य की देखभाल

गाय और अन्य पशुओं को विभिन्न प्रकार के टीके लगवाने चाहिए ताकि उन्हें बीमारियों से बचाया जा सके और वे रोगमुक्त रहें। इसके लिए पशुओं की समय-समय पर जांच कराना भी जरूरी है। किसानों को चाहिए कि वे नियमित रूप से अपने पशुओं को कीड़ों से बचाव के लिए दवाइयाँ दें और पशु चिकित्सक से उनकी स्वास्थ्य जांच कराते रहें।

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निष्कर्ष:

गायों के लिए हरा चारा न केवल उनके पोषण का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, बल्कि उनकी सेहत और दूध उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक है। हरे चारे में मौजूद पानी, प्रोटीन, खनिज और अन्य पोषक तत्व पशुओं की संपूर्ण वृद्धि और स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा, गर्भवती गायों को हरा चारा खिलाने से स्वस्थ बछड़ों का जन्म होता है, जिससे उनकी आगामी पीढ़ी भी स्वास्थ्य और उत्पादन क्षमता में बेहतर होती है।

किसानों के लिए यह जरूरी है कि वे अपने पशुओं को नियमित रूप से पोषण से भरपूर हरा और सूखा चारा प्रदान करें और समय-समय पर पशु चिकित्सक की सहायता से उनकी स्वास्थ्य जांच करवाएं। इस प्रकार, हरा चारा और बेहतर देखभाल से पशुओं को अधिक स्वस्थ और उत्पादक बनाना संभव है, जो किसानों के लिए भी लाभदायक साबित होता है।

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लगातार पूछे जाने वाले प्रश्न

सबसे बढ़िया हरा चारा कौन सा है?

नेपियर घास (Napier grass): गन्ने की तरह दिखने वाली नेपियर घास को आम भाषा में हाथी घास भी कहते हैं. कम समय में ही उगने और पशुओं में दूध देने की क्षमता को बढ़ाने के कारण इसे सबसे बेहतरीन पशु आहार का दर्ज मिला हुआ है.

ज्यादा दूध देने के लिए गाय को क्या खिलाना चाहिए?

विशेषज्ञों का मानना है कि दुधारू पशुओं को लोबिया घास खिलाने से उनमें दूध देने की क्षमता बढ़ जाती है. बता दें कि लोबिया घास में औषधीय गुण होता है. इसमें प्रोटीन और फाइबर की मात्रा ज्यादा पाई जाती है. ये दोनों तत्व पशुओं में दूध उत्पादन के लिए जरूरी पाए जाते हैं

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