अगर आप भी मशरूम की खेती (Mushroom ki kheti) से बेहतरीन मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो मशरूम की खेती की ये तीन प्रमुख तकनीकें आपके लिए अत्यधिक लाभदायक हो सकती हैं। ये तकनीकें हैं शेल्फ तकनीक, पॉलीथीन बैग तकनीक, और ट्रे तकनीक। इस लेख में हम इन्हीं तकनीकों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
भारत के किसानों के लिए मशरूम की खेती एक नकदी फसल है, जो कम लागत में अच्छा मुनाफा प्रदान करती है। वर्तमान में देश-विदेश के बाजारों में मशरूम की मांग बढ़ रही है, जिससे इसकी कीमतों में भी बढ़ोतरी हो रही है।
ऐसे में किसान अपने खेतों में मशरूम की खेती करके अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं। इस संदर्भ में, हम आपके लिए मशरूम की खेती की तीन बेहतरीन तकनीकों की जानकारी लेकर आए हैं, जो आपकी उपज को बढ़ाने में मददगार साबित होंगी।
मशरूम की खेती के लिए तीन बेहतरीन तकनीकें इस प्रकार हैं:
1. शेल्फ तकनीक:
इस तकनीक में किसान मजबूत लकड़ी के एक से डेढ़ इंच मोटे तख्तों से शेल्फ का निर्माण करते हैं, जिन्हें लोहे की कोणों वाली फ्रेमों से जोड़कर रखा जाता है। इस शेल्फ की चौड़ाई लगभग 3 फीट और शेल्फों के बीच की दूरी डेढ़ फुट तक होनी चाहिए।
इस तरह से किसान एक शेल्फ पर लगभग पांच मंजिल तक मशरूम की खेती कर सकते हैं।
2. पॉलीथीन बैग तकनीक:
यह तकनीक किसानों द्वारा सबसे अधिक अपनाई जाती है क्योंकि इसमें ज्यादा मेहनत की आवश्यकता नहीं होती। इस तकनीक को किसी भी कमरे में आसानी से अपनाया जा सकता है।
पॉलीथीन बैग तकनीक में 25 इंच लंबाई और 23 इंच चौड़ाई वाले 200 गेज माप के पॉलीथीन के बैग का उपयोग किया जाता है। इन बैग की ऊंचाई 14 से 15 इंच और मशरूम की खेती के लिए इसका व्यास 15 से 16 इंच होता है।
3. ट्रे तकनीक:
यह तकनीक बेहद सरल है। इसमें किसान एक ट्रे के माध्यम से करते हैं, जिससे उन्हें एक जगह से दूसरी जगह ले जाना आसान हो जाता है। इस तकनीक में ट्रे का आकार 1/2 वर्ग मीटर और 6 इंच गहरा होता है, जिसमें 28 से 32 किलोग्राम खाद आसानी से समा सकती है।
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