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उन्नत गेहूं की किस्म: 90-97 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देने वाली किस्में

उन्नत गेहूं की किस्म: किसान भाइयों, जैसा कि आप जानते हैं, खरीफ की धान की कटाई के बाद, गेहूं की बुवाई का समय चल रहा है।

बेहतर पैदावार और मुनाफा प्राप्त करने के लिए उन्नत किस्मों का चयन करना महत्वपूर्ण है। ये उन्नत गेहूं की किस्में फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को बेहतर बनाती हैं।

आइए जानें कुछ ऐसी उन्नत किस्मों के बारे में, जो प्रति हेक्टेयर 90 से 97 क्विंटल तक उत्पादन देने में सक्षम हैं।

गेहूं की बंपर पैदावार देने वाली गेहूं की उन्नत किस्में

1. गेहूं की किस्म: करण वंदना (Karan Vandana)

करण वंदना, जिसे DBW 187 भी कहा जाता है, आईसीएआर-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल द्वारा विकसित की गई एक उन्नत किस्म है।

इस किस्म से प्रति हेक्टेयर लगभग 96.6 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है और यह पीला रतुआ व ब्लास्ट जैसी बीमारियों के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी है।

यह किस्म पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, और जम्मू के किसानों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है।

करण वंदना की फसल 148 दिनों में तैयार होती है और ब्रेड उत्पादन के लिए इसे श्रेष्ठ माना जाता है।

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2. गेहूं की किस्म: करण श्रिया (Karan Shriya)

करण श्रिया, जिसे DBW 252 के नाम से भी जाना जाता है, जून 2021 में आईसीएआर-भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल द्वारा जारी की गई थी।

यह किस्म एक ही सिंचाई में अच्छी पैदावार देने की क्षमता रखती है, जिससे प्रति हेक्टेयर लगभग 55 क्विंटल उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

करण श्रिया की फसल 127 दिनों में तैयार हो जाती है और यह पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, और उत्तर-पूर्व के तराई क्षेत्रों के किसानों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है।

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3. गेहूं की किस्म: करण नरेंद्र (Karan Narendra)

करण नरेंद्र, जिसे DBW 222 के नाम से भी जाना जाता है, आईसीएआर-भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल द्वारा विकसित एक उन्नत किस्म है।

यह किस्म प्रति हेक्टेयर लगभग 82.1 क्विंटल तक उत्पादन देने में सक्षम है और रोटी, ब्रेड और बिस्किट बनाने के लिए विशेष रूप से उपयोगी मानी जाती है।

इसकी बुआई अगेती की जा सकती है, और फसल 143 दिनों में तैयार हो जाती है। करण नरेंद्र को पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, और जम्मू के किसानों के लिए उपयुक्त माना गया है।

निष्कर्ष

खेती के इस महत्वपूर्ण समय में, उन्नत गेहूं की किस्मों का चयन करना किसानों के लिए एक लाभकारी कदम साबित हो सकता है। उच्च उपज देने वाली किस्में, जैसे करण वंदना, करण श्रिया, और करण नरेंद्र, फसल की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में सक्षम हैं। ये किस्में विभिन्न प्रकार की जलवायु परिस्थितियों और बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती हैं, जिससे किसानों को अच्छी पैदावार प्राप्त होती है।

उन्नत किस्मों का चयन और उनके अनुकूल तरीकों का पालन करने से किसान अपनी पैदावार बढ़ाकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं, जिससे गेहूं की खेती उनके लिए और भी लाभदायक बन सकती है।

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