गर्मी का मौसम दुधारू पशुओं के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उच्च तापमान से पशुओं में तनाव, दूध उत्पादन में कमी, और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
इस समय पशुपालकों को अपने पशुओं की देखभाल में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। गर्मियों में डेयरी उत्पादकों को गायों, भैंसों, और अन्य पशुओं के लिए विशेष ध्यान देना पड़ता है।
शीतल पदार्थ और विशेष खाद्य सामग्री की आवश्यकता होती है ताकि पशुओं को ठंडक मिल सके। इस लेख में हम गर्मियों में डेयरी पशुओं की देखभाल के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।
गर्मी में दुधारू पशुओं की देखभाल
पशुओं को तेज धूप से बचाने के लिए पर्याप्त छायादार स्थान उपलब्ध कराएं। शेड खुले और हवादार होने चाहिए ताकि हवा का प्रवाह बेहतर हो। दिन के सबसे गर्म समय में पशुओं को शेड में रहने के लिए प्रोत्साहित करें।
दुधारू पशुओं को दिन में कई बार ताजे पानी की आपूर्ति करें
गर्मियों में डेयरी दुधारू पशुओं को ठंडा ताजा पानी देना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्हें प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी देना चाहिए ताकि वे ठंडे रहें।
अत्यधिक गर्मी के दिनों में, पशुओं को दिन में कई बार ठंडा पानी पिलाएं ताकि वे निर्जलित न हों और उनके शरीर में गर्मी न बढ़े। पशुओं को 24 घंटे ताजा और साफ पानी उपलब्ध कराएं।
पशुओं को नियमित रूप से नहलाएं
- पशुओं को दिन में दो बार ठंडे पानी से नहलाएं।
- पशुओं पर ठंडे पानी का छिड़काव करें।
- यह उन्हें ठंडा रखने और कीटों को दूर रखने में मदद करेगा।
गर्मी के मौसम में पोषक तत्वों पर विशेष ध्यान दें
गर्मियों में डेयरी पशुओं को अधिक पोषण की आवश्यकता होती है। उन्हें अधिक उत्पादक बनाने के लिए अतिरिक्त पोषक तत्व देना जरूरी है।
उन्हें चावल का ब्रान, घास, और शीतल भोजन देना चाहिए। हर दिन 100 ग्राम मिनरल मिक्सचर और सरसों का तेल चारे में मिलाकर देने से दूध उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।
यदि आपके पास गर्मी के समय हरा चारा उपलब्ध है, तो पशुओं को पर्याप्त मात्रा में हरा चारा दें ताकि उनके शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा बनी रहे और उन्हें गर्मी कम महसूस हो।
गर्भवती गायों और भैंसों का गर्मियों में विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करें कि उन्हें धूप न लगे और गर्मी से बचाने के लिए पंखे या कूलर का भी उपयोग किया जा सकता है।
गर्मी के मौसम में पशुपालकों के ध्यान रखे योग्य अन्य बातें
मच्छर, मक्खियाँ, और टिक्स का प्रकोप बढ़ रहा है, इसे रोकने के लिए उचित सावधानियाँ बरतनी आवश्यक हैं। यदि पशुओं को अब तक एफएमडी, ब्लैक क्वार्टर, या एंटरोटॉक्सिमिया के खिलाफ टीका नहीं लगाया गया है, तो इसे तुरंत सुनिश्चित करें।
दुग्ध उत्पादन बनाए रखने के लिए पशुओं को पर्याप्त मात्रा में चारा खिलाएं। दुधारू पशुओं को खली और खनिज मिश्रण मिलाकर खिलाएं ताकि उनका शरीर तापमान संतुलित रहे। पशुओं की नियमित रूप से पशु चिकित्सक से जांच करवाएं।
टीकाकरण और डी-वर्मिंग समय पर करवाना सुनिश्चित करें। पशुओं में किसी भी बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की निगरानी करते रहें।
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