फसल की कटाई के बाद सुरक्षित भंडारण की पूरी जानकारी: किसानों द्वारा अक्सर फसल का भंडारण घरों में विभिन्न तरीकों से किया जाता है। फसल की कटाई के बाद उसका सुरक्षित भंडारण करना सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है। फसल का भंडारण कभी भी नमी वाली जगहों पर नहीं करना चाहिए, क्योंकि नमी के कारण दीमक और अन्य बैक्टीरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यदि फसल को बोरों में स्टोर किया जा रहा है, तो बोरों के नीचे फर्श पर लकड़ी के तख्ते या चटाई बिछानी चाहिए, ताकि फसल सुरक्षित रहे और खराब होने से बची रहे।
फसल की कटाई के बाद फसल का भंडारण कैसे करें
फसल की कटाई के बाद किसानो द्वारा कुछ फसल को बीज के लिए और कुछ फसल को अपने उपयोग के लिए स्टोर कर लिया जाता है। किसानो द्वारा जो फसल अपने लिए रखी जाती हैं ,उसका भण्डारण वो ड्रम या अन्य किसी बंद मुँह वाले कंटेनर में करते हैं। ताकि जरुरत पड़ने पर उसका उपभोग किया जा सके।
फसल का भण्डारण करते समय बरती जाने वाली सावधानियां
बीज के लिए जो भण्डारण किया जाता हैं , उसमे कीटनाशक का उपयोग किया जाता हैं। ताकि उसे आगे की बुवाई के लिए सुरक्षित रखा जा सके। ज्यादातर किसानो द्वारा फसल का भण्डारण जूट के थैलो या बोरियो में किया जाता है।
फसल को पूरी तरह सुखाएं: भंडारण से पहले फसल को अच्छी तरह से धूप में सुखाएं ताकि नमी न रहे, जिससे कीट और फफूंद लगने का खतरा कम हो।
साफ और नए बोरों का उपयोग करें: फसल के लिए हमेशा साफ और नए बोरों का इस्तेमाल करें। यदि पुराने बोरों का उपयोग कर रहे हैं, तो उन्हें अच्छी तरह धोकर ही इस्तेमाल करें।
बोरों को फर्श से ऊंचा रखें: फसल के बोरों को सीधे फर्श पर न रखें। उनके नीचे लकड़ी के तख्ते या चटाई बिछाएं ताकि नमी से बचाव हो सके।
दीवार से बोरों को दूर रखें: स्टॉक की गई फसल के बोरों को दीवार से सटा कर न रखें, क्योंकि दीवार में नमी या सीलन हो सकती है, जिससे फसल खराब हो सकती है।
कीटनाशकों का उपयोग करें: भंडारण के दौरान कीटों से बचाने के लिए नीम पाउडर या अन्य प्राकृतिक कीटनाशकों का उपयोग करें।
भंडारगृह की सफाई: भंडारण स्थान को मैलाथियान जैसे कीटनाशक से साफ करें, ताकि किसी भी प्रकार के कीट या फफूंद से बचा जा सके।
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भण्डारण के दौरान फसल को किस्से संरक्षित रखना चाहिए
फसल की कटाई के बाद जब किसानो द्वारा फसल का भंडारण किया जाता हैं तो ,फसल को नमी , कीड़ों और चूहों से बचाना चाहिए। फसल में अगर ज्यादा नमी होती हैं तो ये सूक्ष्मजीवों के विकास को बढ़ावा देती है। इसी वजह से भण्डारण करना आवश्यक बताया जाता हैं। ताकि फसल को लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जा सकें। फसलों को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए भण्डारण किया जाता हैं। छोटे किसानो द्वारा सिर्फ अपने उपभोग के लिए फसल का उत्पादन किया जाता है, लेकिन बड़े पैमाने पर फसल का उत्पादन सिर्फ विपणन के लिए किया जाता हैं। भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए भण्डारण किया जाता है। फसलों का भण्डारण ज्यादातर प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए भी किया जाता हैं ,जैसे बाढ़ आना ,सूखा पड़ना आदि। फसलों के भंडारण के लिए सही स्थान की व्यवस्था होनी चाहिए। भण्डारण करते समय ध्यान रहे फसल में नमी न हो , नमी की वजह से पूरी फसल खराब हो सकती हैं।
निष्कर्ष
फसल की कटाई के बाद उसका सुरक्षित भंडारण किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य होता है। उचित भण्डारण से फसल को नमी, कीटों और अन्य संक्रमणों से बचाया जा सकता है, जिससे उसकी गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार होता है। भण्डारण के दौरान सही सावधानियां बरतना, जैसे फसल को पूरी तरह सुखाना, साफ बोरों का इस्तेमाल करना और भण्डारण स्थान को साफ-सुथरा रखना, फसल की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। इन उपायों को अपनाकर किसान अपनी फसल को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं, जिससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी होती है।