पशुधन प्रबंधन और डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा हैं, जो किसानों की आय और जीवनयापन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डेयरी फार्मिंग में दुधारू पशुओं की अच्छी सेहत, संतुलित पोषण, और बीमारियों की रोकथाम के लिए सही जानकारी और प्रबंधन बेहद जरूरी होते हैं।
इसमें चारा प्रबंधन, शेड की देखभाल, बीमारियों से बचाव, और प्रजनन से संबंधित पहलुओं पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। इस मार्गदर्शन का उद्देश्य पशुपालकों को उनके पशुओं की उत्पादकता और स्वास्थ्य सुधारने के लिए जरूरी जानकारी और दिशा-निर्देश देना है, ताकि वे बेहतर गुणवत्ता के उत्पाद प्राप्त कर सकें और अपने पशुधन के साथ डेयरी फार्मिंग को सफल बना सकें।
बरसात के मौसम में दुधारू पशुओं (Dairy animals) की देखभाल कैसे करें
बारिश के मौसम में दुधारू पशुओं की देखभाल के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय निम्नलिखित हैं:
नमी को रोकें: शेड के अंदर नमी जमा न होने दें। इसके लिए दिन के समय खिड़कियाँ खोलें ताकि धूप और ताजी हवा शेड के अंदर पहुंच सके। इससे श्वसन संबंधी बीमारियों से बचाव होगा।
फर्श की सफाई: शेड की फर्श ईंटों से बनी होनी चाहिए, जिससे इसे आसानी से साफ किया जा सके। यदि फर्श कच्ची हो, तो उसकी ऊपरी मिट्टी की परत को नियमित रूप से बदलते रहें। यह शेड को सूखा रखने और अवांछित गंध को रोकने में मदद करेगा।
आहार में बदलाव: बारिश के कारण पशुओं को तनाव हो सकता है, इसलिए उन्हें वैकल्पिक आहार दें, जैसे गेहूं का भूसा या संकेंद्रित आहार को साइलो के साथ मिलाकर खिलाएं।
दवा के प्रयोग में सावधानी: पशुओं पर दवाओं का प्रयोग करते समय ध्यान रखें कि जहां भी त्वचा पर घाव हो, वहां टिक-मारक दवाओं का उपयोग न करें। माइट्स आमतौर पर गर्दन, थनों और पूंछ के नीचे छिपते हैं, इसलिए इन जगहों पर दवा सावधानी से लगाएं।
छिड़काव के समय सावधानी: जब भी शेड में दवाओं का छिड़काव किया जाए, तो चारे को ढक दें और पशुओं को कुछ समय के लिए शेड से बाहर रखें ताकि वे दवा चाट न सकें।
निष्कर्ष:
बारिश के मौसम में दुधारू पशुओं की देखभाल अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इस समय वातावरण में नमी और बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। उचित शेड प्रबंधन, स्वच्छता बनाए रखना, और संतुलित आहार के साथ पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। नमी से बचाव, शेड की सफाई, और दवाओं के सही उपयोग से पशुओं को संक्रमण और बीमारियों से बचाया जा सकता है।
पशुपालन विभाग द्वारा दी गई सलाह का पालन करते हुए किसान अपने पशुधन की सेहत में सुधार कर सकते हैं, जिससे उनकी उत्पादकता और आय में वृद्धि हो सकती है।
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लगातार पूछे जानें वाले प्रश्न :
दुधारू पशु के आहार में क्या क्या होनी चाहिए?
- गेहूं का दलिया और चोकर बहुत ही उपयोगी हेता है।
- खली: सरसों और लाही, तिल, मूंगफली, अलसी तथा बिनौले आदि को खिलाने से दूध की मात्रा एवं पौष्टिकता में वृद्धि होती है।
सबसे बेस्ट पशु आहार कौन सा है?
दूध शीतल सबसे अच्छा पशु आहार है जो पशु के सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है और उसकी सेहत और उत्पादकता को बनाए रखता है।